इजराइल, फिलिस्तीन में भारत के दूतावास ने परामर्श जारी कर भारतीयों से सतर्क रहने का आग्रह किया

फलस्तीन में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने शनिवार देर रात एक्स पर एक सार्वजनिक परामर्श पोस्ट किया, “मौजूदा सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर, फलस्तीन में भारतीय नागरिक आपातकाल या जरूरत के किसी भी मामले से निपटने के लिए सीधे भारत के प्रतिनिधि कार्यालय से 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं।”.

भारतीय अमेरिकी दंपति ने हिंदू युवा शिविर-स्थल के निर्माण के लिए 17.5 लाख डॉलर दान किए

ह्यूस्टन में रहने वाले एक भारतीय अमेरिकी दंपति ने टेक्सास में पहले हिंदू शिविर-स्थल के निर्माण की शुरुआत के लिए 17.5 लाख अमेरिकी डॉलर दान में दिए हैं। इस शिविर में हर गर्मियों में युवा शिविरों का आयोजन किया जाएगा।.

इस संबंध में शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अकादमिक शिक्षा प्रदान करने वाले विद्यालयों और कॉलेजों के समान ही ‘हिंदू हेरिटेज यूथ’ शिविर असल जिंदगी के उदाहरणों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करेगा।.

इतनी बड़ी राशि दान करने वाले दंपति सुभाष गुप्ता और सरोजिनी गुप्ता का कहना है कि वे शिविर को लेकर बहुत ही उत्सुक हैं क्योंकि यह अगली पीढ़ी में महत्वपूर्ण मूल्यों और जरूरी कौशल को विकसित करने का काम करेगा।.

सुभाष ने कहा, ”यह सबसे अच्छी चीज है, जो हम अगली पीढ़ी के लिए कर सकते हैं।”.

उन्होंने कहा, ”हम पहले ही इस देश में युवाओं को खो रहे हैं क्योंकि वे हमारे हिंदू धर्म और हमारे मूल्यों को सहेजकर रखने में रूचि नहीं रखते, इसलिए हम जो कुछ भी इसे बचाने के लिए कर सकें वह बेहतर होगा।”.

यह शिविर-स्थल टेक्सास के कोलंबस में 37 एकड़ क्षेत्र में स्थित है, जो अगली गर्मियों तक बनकर पूरा हो जाएगा। यहां छह रात और पांच दिन का शिविर आयोजित किया जाएगा।

नवाज शरीफ को तीन बार किसी न किसी साजिश के तहत सत्ता से बेदखल किया गया: शहबाज

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि उनके भाई को किसी न किसी साजिश के तहत तीन बार सत्ता से बेदखल किया गया था।

उन्होंने दावा किया कि 1999 में ‘‘कारगिल की हार’’ के बाद भी ऐसा ही किया गया था।

नवाज (73) के लंदन में लगभग चार साल के स्व-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटने की उम्मीद है। नवाज चिकित्सा के लिए लंदन गये थे और नवंबर 2019 से वह वहीं रह रहे हैं।

शहबाज ने दावा किया कि सबसे बड़ी साजिश तब हुई थी, जब 1999 में उनके बड़े भाई को सत्ता से बाहर करने के लिए कारगिल पराजय को लेकर उन्हें दोषी ठहराया गया था।

सेना के पूर्व प्रमुख दिवंगत जनरल परवेज मुशर्रफ का नाम लिए बगैर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष ने कहा कि ‘‘कारगिल घटना’’ को अंजाम दिया गया था और इसके मद्देनजर नवाज शरीफ को युद्ध रोकने के लिए अमेरिका जाना पड़ा।

शहबाज ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा, ‘‘कारगिल पराजय को आसानी से तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (1999 में) पर थोप दिया गया था। यदि इस कारगिल युद्ध के परिणामस्वरूप कश्मीर पर कब्जा कर लिया जाता तो शायद इतिहास कुछ और होता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन (भारत के साथ) युद्ध समाप्त करने के लिए नवाज को अमेरिका जाना पड़ा और देश की खातिर अपनी सरकार का बलिदान देना पड़ा।’’

भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 को कारगिल की बर्फीली ऊंचाइयों पर लगभग तीन महीने के युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना पर जीत की घोषणा की थी।

कारगिल युद्ध के बाद, जनरल मुशर्रफ ने अक्टूबर, 1999 में नवाज शरीफ की चुनी हुई सरकार के खिलाफ सैन्य तख्तापलट किया और अगले नौ वर्ष तक देश पर शासन किया।

लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा चार सप्ताह की जमानत दिये जाने के बाद, नवाज शरीफ नवंबर 2019 से ‘चिकित्सा आधार’ पर लंदन में स्व-निर्वासन में हैं।

इसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।

वह विदेश में इलाज के लिए जमानत लेने से पहले अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में यहां कोट लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे थे।

शहबाज ने कहा कि नवाज अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान देश में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) लेकर आये। उन्होंने कहा, ‘‘उनके खिलाफ साजिश तब शुरू हुई जब 2014 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान के इस्लामाबाद में धरने के कारण चीनी राष्ट्रपति का पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और फिर 2017 में, नवाज को पनामा पेपर्स मामले में सत्ता से बाहर कर दिया गया, जिससे पाकिस्तान के विकास में बाधा उत्पन्न हुई।’’

ऋषि सुनक, जस्टिन ट्रूडो ने भारत-कनाडा विवाद को कम करने की जरूरत बताई

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान नयी दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव कम करने तथा कानून के शासन का सम्मान करने पर जोर दिया।

डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास सह कार्यालय) ने एक बयान में कहा कि सुनक ने शुक्रवार शाम ट्रूडो से बात की और इस दौरान उन्हें भारत में कनाडाई राजनयिकों से संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी दी गई और दोनों नेता संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए।

वहीं, खालिस्तान समर्थक वांछित अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के कनाडा के आरोप के बाद सुनक ने कानून का शासन के प्रति ब्रिटेन के रुख को दोहराया।

बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत में कनाडाई राजनयिकों से संबंधित स्थिति पर अद्यतन जानकारी दी।’’

इसमें कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री (सुनक) ने ब्रिटेन के उस रुख को दोहराया कि सभी देशों को राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सिद्धांतों सहित संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई।’’

कनाडा की राजधानी ओटावा से प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बयान को दोहराते हुए कहा कि ट्रूडो ने कनाडा और भारत के बीच मौजूदा स्थिति पर अद्यतन जानकारी प्रदान की।

कनाडा सरकार के बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के सम्मान और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने तनाव कम करने के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ट्रूडो और प्रधानमंत्री सुनक करीबी संपर्क में रहने और वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।’’

इजराइल: भारत के दूतावास ने परामर्श जारी कर भारतीयों से सतर्क रहने का आग्रह किया

इजराइल के दक्षिण में अभूतपूर्व युद्ध जैसे हालात को देखते हुए शनिवार को भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को “सतर्क रहने” और “सुरक्षा नियमों का पालन” करने की सलाह दी है।

इजराइल पर आतंकवादी संगठन हमास के हमले में कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने “युद्ध” की घोषणा करते हुए कहा है कि उनका देश दुश्मन से “अभूतपूर्व कीमत” वसूल करेगा।

दूतावास ने अपने परामर्श में कहा, “इजराइल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा नियमों का पालन करें। कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षित स्थलों के करीब रहें।”

परामर्श अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषाओं में जारी किया गया है।

दूतावास की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, इजराइल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें मुख्य रूप से इजराइली बुजुर्गों, हीरा व्यापारियों, आईटी पेशेवरों और छात्रों की देखभाल करने के लिए नियुक्त लोग शामिल हैं।

इजराइल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी भी हैं जो पचास और साठ के दशक में भारत से इजराइल गए थे।

उत्तरी अमेरिका के Houston में पहला गांधी संग्रहालय खुला, सत्याग्रह आंदोलन और अहिंसक संघर्ष की दिखेगी झलक

संग्राहलय के भव्य उद्धाटन का जश्न मनाने के लिए सोमवार दोपहर को कई अतिथियों को आमंत्रित किया गया, जिनमें महात्मा गांधी के पोते, डॉ. राजमोहन गांधी और मार्टिन लूथर किंग के भतीजे, आईजैक न्यूटन फैरिक जूनियर, ह्यूस्टन स्थित सीजीआई डी मंजूनाथ विशेष अतिथि थे।

स्वास्थ्य मंत्री का बयान, सिंगापुर कोविड-19 की एक और लहर का सामना कर रहा है …

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि देश कोविड-19 की एक और लहर का सामना कर रहा है तथा आगामी हफ्तों में और लोगों के बीमार पड़ने एवं अस्पताल में भर्ती होने की आशंका है।

ओंग ने कहा कि तीन सप्ताह पहले रोजाना कोविड-19 के करीब एक हजार नए मामले सामने आ रहे थे, जबकि पिछले दो सप्ताह से रोजाना 2,000 से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं।

Canada ने भारत से अपने राजनयिकों को Kuala Lumpur या Singapore भेजा : रिपोर्ट

कनाडा ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर हुए विवाद के बीच भारत में काम कर रहे अपने ज्यादातर राजनयिकों को कुआलालम्पुर या सिंगापुर भेज दिया है।

भारत ने कनाडा को नयी दिल्ली में काम कर रहे अपने राजनयिकों की संख्या घटाने के लिए 10 अक्टूबर की समयसीमा दी है जिसके बाद कनाडा ने यह कदम उठाया है।

कनाडा के एक निजी टेलीविजन नेटवर्क ‘सीटीवी न्यूज’ की यह रिपोर्ट तब आयी है जब भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में कनाडा से अपने दूतावासों में काम कर रहे कई राजनयिकों की संख्या कम करने के लिए कहा था।

खालिस्तानी अलगावादी निज्जर की जून में हुई हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया है।

भारत ने आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” कहकर खारिज कर दिया और इस मामले के लेकर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को अपने यहां से निष्कासित कर दिया था।

सीटीवी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत सरकार ने ओटावा को कनाडाई राजनयिकों की उपस्थिति कम करने के लिए 10 अक्टूबर तक का समय दिया है। उसका कहना है कि नयी दिल्ली में राजनयिकों की संख्या कनाडा में भारत के राजनयिकों की संख्या के समान होनी चाहिए।

पहले की खबरों में कहा गया कि इन राजनयिकों की संख्या 41 है लेकिन सीटीवी न्यूज के सूत्रों ने बताया कि राजनयिकों की संख्या समान करने के लिए कहा गया है।

खबर में कहा गया है, ‘‘दिल्ली के बाहर भारत में काम कर रहे अधिकांश कनाडाई राजनयिकों को कुआलालम्पुर या सिंगापुर भेजा गया है।’’

कनाडा के राजनयिक और दूतावास संबंधों का प्रबंधन करने वाले विभाग ‘ग्लोबल अफेयर्स कनाडा’ ने पहले कहा था कि ‘‘विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर कुछ राजनयिकों को धमकियां मिलने के बाद वह भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या का आकलन कर रहा है।’’

विभाग ने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप और अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, हमने भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या को अस्थायी रूप से कम करने का फैसला किया है।’’

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कनाडा को संख्या में समानता हासिल करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करनी चाहिए और आरोप लगाया कि कनाडा के कुछ राजनयिक नयी दिल्ली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में शामिल हैं।

यह निज्जर की हत्या पर दोनों देशों के बीच संबंधों में जारी गिरावट का स्पष्ट संकेत है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि परस्पर राजनयिक उपस्थिति पर पहुंचने के तौर-तरीकों पर चर्चा चल रही है और उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत इस मुद्दे पर अपनी स्थिति की समीक्षा नहीं करेगा।

ऐसी जानकारी है कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या लगभग 60 है और नयी दिल्ली चाहती है कि ओटावा इस संख्या में कम से कम 36 की कमी करे।

यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा ने निज्जर की हत्या से संबंधित कोई जानकारी या सबूत भारत के साथ साझा किया है, बागची ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणियों का हवाला दिया था कि यदि कोई विशिष्ट या प्रासंगिक जानकारी नयी दिल्ली के साथ साझा की जाती है, तो वह उस पर विचार करने के लिए तैयार है।

पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान ने अदियाला जेल में कुरैशी से की मुलाकात

किस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गोपनीय दस्तावेज मामले में सुनवाई के दौरान अदियाला जेल में अपनी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मिले। मीडिया की एक खबर में यह कहा गया।

सिंगापुर के राष्ट्रपति ने भारतीय मूल के न्यायाधीश दीदार सिंह गिल की सेवा अवधि बढ़ाई

सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम ने नगर-राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में भारतीय मूल के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीदार सिंह गिल की नियुक्ति तीन साल के लिए बढ़ा दी है।