उन्होंने कहा कि किसी भी जवान की शहादत से केवल उनके परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे देश को क्षति होती है जिसकी भरपाई तो नहीं की जा सकती लेकिन उनका सम्मान करना और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना उनका कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि किसी भी जवान की शहादत से केवल उनके परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे देश को क्षति होती है जिसकी भरपाई तो नहीं की जा सकती लेकिन उनका सम्मान करना और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना उनका कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि ‘इस रैली का मकसद युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालना है। साथ ही उन्होंने कहा- “पंजाब में सबसे ज्यादा शहीद हैं और आज शहीदों की धरती से नशा खत्म कर पूरे पंजाब को नशा मुक्त बनाना है, पंजाब की धरती ने जब भी तलवारों-तीरों के हमले सहन किए हैं पंजाब ने उन हर हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है”।
आइजोल के रहने वाले हेड कांस्टेबल कीमा 1996 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए थे और वर्तमान में बीएसएफ की 148वीं बटालियन में तैनात थे, जिसे अंतरराष्ट्रीय सीमा की हिफाजत का जिम्मा सौंपा गया है।