श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 2 सितंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV XL रॉकेट के जरिए आदित्य L1 सौर मिशन को लॉन्च किया जाएगा।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 2 सितंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV XL रॉकेट के जरिए आदित्य L1 सौर मिशन को लॉन्च किया जाएगा।
अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने (आज) गुरुवार को कहा कि विज़िबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) इसरो के आदित्य-एल वन मिशन के मुख्य पेलोड में से एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में चंद्रयान थ्री की सफलता पर इसरो टीम से मुलाकात करने और उन्हें बधाई देने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो वैज्ञानिकों को बधाई देने और उनसे बातचीत करने के लिए शनिवार सुबह ग्रीस की राजधानी एथेंस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के तुरंत बाद पीएम मोदी ने इसरो प्रमुख को फोन किया। बता दें भारत ने चंद्रमा पर पहुंचकर इतिहास रच दिया है। पीएम मोदी ने इसरो प्रमुख को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर दक्षिण अफ्रीका से फोन किया और बधाई दी है। उन्होंने आगे कहा कि वह जल्द ही बेंगलुरु जाकर पूरी टीम का व्यक्तिगत तौर पर स्वागत करेंगे।
हरियाणा के सभी स्कूल आज शाम को एक घंटे के लिए अलग से खुलेंगे। ये पहला ऐसा अवसर है जब देर शाम स्कूल खोले जाएंगे। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से स्टूडेंट्स को चंद्रयान-3 मिशन की लाइव कवरेज दिखाने के लिए कहा गया है।
भारत अंतरिक्ष अभियान के क्षेत्र में इतिहास रचने से बस कुछ ही कदम दूर है। दरअसल भारत का चंद्रयान-3 आज चांद पर लैंड करेगा। चंद्रयान के चांद पर लैंडिंग की उल्टी गिनती जारी है।
गौरतलब हो कि चांद पर सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अभी तक केवल अमरीका सोवियत संघ और चीन के मिशन ही चांद पर सफलतापूर्वक उतर चुके हैं।
17 जुलाई का वो दिन जब इसरो ने भारत को एक उम्मीद जगाई थी कि भारत भी अमेरिका, रूस और चीन की तरह चांद की जमीन नाप देगा. इसी दिन भारत ने चंद्रयान-3 लॉच किया था. भारत का मिशन मून अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. चंद्रयान -3 चांद से अब महज 25 किलो मीटर… Continue reading अब चांद से दूर नहीं भारत, चांद के नजदीक पहुंचा चंद्रयान- 3
इसरो ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम’ सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान से अलग हो गया है और अब इसके 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की उम्मीद है। इसरो ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है।