सिंगापुर में इजराइली दूतावास को आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट हटाना पड़ा

इजराइली दूतावास ने यहां सिंगापुर सरकार के हस्तक्षेप के बाद उस आपत्तिजनक पोस्ट को फेसबुक से हटा दिया है, जिसमें ‘कुरान’ का उल्लेख करते हुए एक राजनीतिक पक्ष रखने की कोशिश की गई थी।

फेसबुक पेज पर रविवार को यह पोस्ट डाली गई थी।

कानून एवं गृह मंत्री के. शानमुगम ने इसे ‘‘इतिहास फिर से लिखने की आश्चर्यजनक कोशिश’’ बताया और कहा कि यह पोस्ट ‘असंवेदनशील, अनुचित और पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि यह सिंगापुर में सुरक्षा एवं सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकती है।

‘टुडे’ समाचारपत्र ने मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने कल (रविवार को) विदेश मंत्रालय के साथ बात की और कहा कि दूतावास को तुरंत पोस्ट हटानी होगी, और उसने इसे हटा दिया।’’

इससे पहले, सोमवार को विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने कहा, ‘‘राजनीतिक पक्ष रखने के लिए धार्मिक ग्रंथ का संदर्भ देना अत्यधिक अनुचित है। हमने दूतावास से यह स्पष्ट कर दिया, जिसने पोस्ट हटा दिया है।‘‘

सिंगापुर स्थित इजराइली दूतावास के फेसबुक पेज पर इस पोस्ट में कहा गया था, ‘‘कुरान में इजराइल का 43 बार उल्लेख किया गया है। वहीं, दूसरी ओर फलस्तीन का एक बार भी उल्लेख नहीं है।’’

पोस्ट में कहा गया था कि मानचित्र, दस्तावेज और सिक्कों जैसे पुरातात्विक साक्ष्य से प्रदर्शित होता है कि यहूदी लोग इजराइल के मूल निवासी हैं।

शानमुगम ने कहा, ‘‘यह पोस्ट इतिहास फिर से लिखने की एक आश्चर्यजनक कोशिश है। पोस्ट लिखने वाले को संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों पर गौर करना चाहिए, इतिहास का पुनर्लेखन करने से पहले देखना चाहिए कि पिछले कुछ दशकों में इजराइल की कार्रवाई क्या अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप रही है।’’

वहीं, समाज एवं परिवार विकास मंत्री और मुस्लिम मामलों के प्रभारी मंत्री मासगोस जुल्कीफली ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वह भी उक्त पोस्ट से काफी आहत हुए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को ‘बेतुका’ बताकर खारिज किया

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन द्वारा बार-बार किये जा रहे दावे को शनिवार को ‘बेतुका’ करार देते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि यह सीमांत राज्य ‘‘भारत का स्वाभाविक हिस्सा’’ है।

अरुणाचल पर चीन द्वारा अक्सर किये जाने वाले दावे और राज्य का भारतीय राजनीतिक नेताओं द्वारा किये जाने वाले दौरे का चीन के विरोध करने पर संभवत: अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है।

उन्होंने यहां नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के ‘साउथ एशियन स्टडीज इंस्टीट्यूट’ में एक व्याख्यान देने के बाद अरुणाचल मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है, इसने अपने दावे को दोहराया है। ये दावे शुरू से बेतुके हैं और आज भी बेतुके बने हुए हैं।’’

जयशंकर तीन दिन के दौरे पर यहां हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश ‘‘भारत का एक स्वाभाविक हिस्सा’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि हम इस पर बहुत स्पष्ट रहे हैं और हमारा एकसमान रुख रहा है। और मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि यह ऐसी चीज है, जो वर्तमान में जारी सीमा वार्ता का हिस्सा है।’’

जयशंकर ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भारत के लिए आज यह चुनौती है कि दो उभरती शक्तियों, जो पड़ोसी देश भी हैं, के बीच कैसे टिकाऊ संतुलन तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का एक इतिहास और आबादी है जो उन्हें शेष विश्व से अलग करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए एक बहुत जटिल चुनौती है।’’

जयशंकर ने कहा कि 2020 में जब चीन ने सीमा पर कुछ करने का विकल्प चुना तो यह भारत के लिए एक बड़ा आश्चर्य था और उसका यह कदम दोनों देशों के बीच बनी सहमति का पूरी तरह से उल्लंघन था।

विदेश मंत्री पैंगोंग झील इलाके में एक हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को उत्पन्न हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध का संदर्भ दे रहे थे। पूर्वी लद्दाख गतिरोध ने व्यापार को छोड़कर सभी मोर्चों पर द्विपक्षीय संबंधों में ठहराव ला दिया।

भारत, चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) पर देपसांग और डेमचोक से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दबाव बना रहा है। भारत का यह कहना है कि जब तक सीमा पर स्थिति असमान्य बनी रहेगी तब तक चीन के साथ सामान्य संबंध बहाल नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा, ‘‘संतुलन बनाने के लिए बुनियाद को मजबूत करने के बजाय, उन्होंने (चीनी पक्ष) ने स्थिति को बिगाड़ दिया।’’

जयशंकर ने कहा कि सीमा विवाद का समाधान होने में वक्त लग सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत जटिल मुद्दा है। हम सीमा विवाद का हल करने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। हम सीमा पर शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के बारे में बात कर रहे हैं।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच गलतफहमी का कोई मुद्दा नहीं है। दोनों देशों ने सीमा विवाद पर समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह 2020 तक काम करता रहा। इसलिए हम क्यों नहीं बैठें और लंबे समय तक बरकरार रखी गई शांति एवं स्थिरता को जारी रखने के उपाय तलाशें।’’

विदेश मंत्रालय द्वारा चीन के रक्षा मंत्रालय के बयान को खारिज किये जाने के कुछ दिनों बाद जयशंकर की यह टिप्पणी आई है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘‘हमने चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की उस टिप्पणी पर गौर किया, जिसमें भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के भूभाग को लेकर बेतुके दावे किये गए हैं।’’

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘इस बारे में बेबुनियाद तर्क को दोहराना इस तरह के दावे को कोई वैधता नहीं प्रदान करता। अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न हिस्सा था, है, और हमेशा रहेगा। इसके लोग हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लाभ प्राप्त करते रहेंगे।’’

इससे पहले, चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने पर आपत्ति जताई थी।

लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे, चार जून को आएंगे परिणाम

निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी, जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सके।

कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। साल 2019 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 90 करोड़ थी।

उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है, जो पहली बार मतदान करेंगे और मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और सौ साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं।

कुमार ने बताया कि देशभर में मतदाता लिंगानुपात 948 है और 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है।

उन्होंने कहा कि देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा।

उन्होंने कहा कि आयोग हिंसामुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

लोकसभा चुनाव की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि चुनाव अधिकारी देशभर में 10.5 लाख मतदान केंद्र स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं।

दो नये निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ”हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्याही (मतदान वाली) लगवाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।’’

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय चुनाव इस तरह से कराने का वादा करता है कि वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़े।

कुमार ने कहा, ”सभी राज्यों में आकलन के बाद हम एक यादगार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को लेकर आश्वस्त हैं।’’

कुमार ने कहा कि आयोग ने 17 लोकसभा, 16 राष्ट्रपति चुनाव और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव कराए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 11 राज्यों के चुनाव शांतिपूर्ण और हिंसामुक्त रहे और लगभग एक भी सीट पर दोबारा चुनाव नहीं हुआ।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सात चरणों में मतदान हुआ था।

उस चुनाव में कुल 91.2 करोड़ योग्य मतदाता थे, जिनमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे।

कुल लगभग 61.5 करोड़ वोट डाले गए थे और 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।

साल 2019 के चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303, कांग्रेस ने 52, तृणमूल कांग्रेस ने 22, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पांच, माकपा ने तीन और भाकपा ने दो सीटें जीती थीं।

जानें कौन है दिल्ली की ‘वड़ा पाव’ गर्ल? जो रो रोकर बेच रही वड़ा पाव

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की को फूट-फूटकर रोते देखा जा रहा है। दरअसल, यह लड़की ‘वड़ा पाव गर्ल’ के नाम से मशहूर है। इसका नाम चंद्रिका गेरा दीक्षित है और यह फुटपाथ पर स्टॉल लगाकर मुंबई की फेमस फूड वड़ा पाव बेचती है। यहां पर इसे… Continue reading जानें कौन है दिल्ली की ‘वड़ा पाव’ गर्ल? जो रो रोकर बेच रही वड़ा पाव

उत्तर प्रदेश दवा क्षेत्र का उपभोक्ता था, अब उत्पादक और निर्यातक बनेगा: योगी आदित्यनाथ

उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पहले दवा क्षेत्र का उपभोक्ता था लेकिन अब यह दवाओं का उत्पादक और निर्यातक बनेगा।

योगी आदित्यनाथ ने यहां मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में 24.69 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ‘फार्मेसी बिल्डिंग’ के शिलान्यास एवं स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 4000 विद्यार्थियों के टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण समारोह में यह बात कही।

उन्‍होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश औषधि क्षेत्र में पहले उपभोक्ता राज्य था। दवाएं व अन्य जरूरी मेडिकल उत्पाद बाहर से आते थे। अब यूपी औषधि क्षेत्र का उत्पादक और निर्यातक बन जाएगा।”

उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ललितपुर में 2000 एकड़ क्षेत्र में फार्मा पार्क बना रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क भी बन रहा है।

इस परियोजना के दूरगामी परिणामों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे दवाओं के क्षेत्र में युवाओं को भी व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आज से सात साल पहले भी उप्र में सबकुछ था लेकिन आगे बढ़ने के संकल्प का अभाव था। प्रदेश वही है, लोग वही हैं, मशीनरी भी वही है लेकिन कार्य संस्कृति बदली तो परिणाम सबके सामने है।”

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश नया और बदला हुआ प्रदेश नजर आता है। यह प्रगति और निवेश का प्रदेश बन गया है। यहां हरेक क्षेत्र में पर्याप्त अवसर और आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं।

उन्‍होंने कहा, “जहां चुनौतियां होंगी, वहां संभावनाएं भी होती हैं। संभावनाओं और अवसर से कभी चूकना नहीं चाहिए।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना से स्मार्टफोन और टैबलेट की मदद से उत्तर प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य के दो करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।

स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण में केंद्र और राज्य सरकार की उन योजनाओं को भी जोड़ा गया है जो युवाओं के भविष्य और उनकी आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक हैं।

श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड में पूनावाला को दिन में आठ घंटे के लिए जेल की कोठरी से बाहर लाने का निर्देश

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल के प्राधिकारियों को सनसनीखेज श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड के मुख्य आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को रात में जेल की कोठरी में अकेले बंद किए जाने से पहले उसे दिन में आठ घंटे के लिए बाहर लाने की अनुमति देने को कहा।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अगुवाई वाली पीठ ने पूनावाला की एक याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा की आड़ में उसे जेल की कोठरी में अकेले बंद नहीं रखा जा सकता। पीठ में न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया भी हैं।

पूनावाला के वकील ने दावा किया कि अन्य कैदियों को एक दिन में आठ घंटे के लिए कोठरी से बाहर ले जाया जाता है लेकिन पूनावाला को सुबह और शाम एक-एक घंटे के लिए ही बाहर आने की अनुमति है।

पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि यह याचिकाकर्ता के वकील का अनुरोध है तो हम जेल प्राधिकारियों को उसे अन्य कैदियों की तरह आठ घंटे के लिए बाहर ले जाए जाने का निर्देश देते हैं और रात को उसे जेल की कोठरी में अकेले बंद किया जाए।’’

जेल प्राधिकारियों के वकील ने कहा कि खतरे की आशंका के कारण आरोपी को अन्य कैदियों के साथ नहीं रखा गया है।

उन्होंने पहले कहा था कि पूनावाला पर रोहिणी में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ले जाते वक्त हुए हमले के बाद निचली अदालत ने उसे उचित सुरक्षा मुहैया कराने के संबंध में निर्देश दिए थे।

पूनावाला के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को जेल में किसी से भी बातचीत नहीं करने दी जाती और उसे अलग कोठरी में बंद किया गया है जबकि उसने कोई ‘‘जेल अपराध’’ नहीं किया है।

पूनावाला पर 18 मई 2022 को दिल्ली के महरौली में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाल्कर की गला घोंटकर हत्या करने और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप है। उसने कथित तौर पर वाल्कर के शव के टुकड़ों को एक फ्रिज में रखा और कई दिनों तक उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग स्थानों पर फेंकता रहा।

दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी 2023 को इस मामले में 6,629 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था।

इसके बाद यहां एक निचली अदालत ने पूनावाला के खिलाफ हत्या और सबूतों को मिटाने के आरोप तय किए थे।

‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न आवंटन संबंधी नीति की पड़ताल करेगी शीर्ष अदालत

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, ‘नाम तमिलर काची’ की उस याचिका पर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा, जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न के आवंटन को चुनौती दी गई है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एक अन्य गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को भी नोटिस जारी किया, जिसे वह चुनाव चिह्न दिया गया था, जो पहले ‘नाम तमिलर काची’ (एनटीके) के पास था।

उच्च न्यायालय ने गत एक मार्च को एनटीके की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निर्वाचन आयोग द्वारा ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न का आवंटन किए जाने को चुनौती दी गई थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता ‘नाम तमिलर काची’ की इस दलील को खारिज कर दिया कि इस आशय से संबंधित चुनाव चिह्न आदेश मनमाना और असंवैधानिक था।

याचिकाकर्ता आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक अन्य राजनीतिक दल को ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न ‘गन्ना किसान’ के आवंटन से व्यथित था।

याचिका पर नोटिस जारी करते हुए सीजेआई ने कहा कि अपील पर होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई की जाएगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह चुनाव चिह्न आदेश के पैराग्राफ 10बी (बी) की योजना की पड़ताल करेगी जो ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दलों और उम्मीदवारों को ‘मुक्त’ चिह्न देने से संबंधित है।

Delhi-NCR Traffic Jam: दिल्ली के इन रास्तों पर आज रहेगा भारी जाम, पढ़ें Traffic Advisory

राजधानी दिल्ली के महरौली में माइंस रोड पर राधा स्वामी सत्संग कॉम्पलेक्स पर आज से एक सत्संग कार्यक्रम शुरू होने वाला है जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। इसको लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है।

America: मैनहेटन में आवासीय इमारत में आग लगने से भारतीय नागरिक की मौत

अमेरिका के मैनहेटन में एक आवासीय इमारत में आग लगने से यहां पत्रकार के तौर पर काम करने वाले 27 वर्षीय भारतीय नागरिक की मौत हो गई।

लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी का निधन

लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी का शुक्रवार को मुंबई के पी डी हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया।