पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने सिंघू और टीकरी सीमाओं पर बाधाओं को यात्रियों के लिए अस्थायी रूप से हटा दिया है। पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती अब भी वहां है और (वे) चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी सुनिश्चित करेंगे।’’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने सिंघू और टीकरी सीमाओं पर बाधाओं को यात्रियों के लिए अस्थायी रूप से हटा दिया है। पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती अब भी वहां है और (वे) चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी सुनिश्चित करेंगे।’’
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किये गये पुलिस मामले वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर किसान पंजाब और हरियाणा की खनौरी तथा शंभू सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
गौरतलब हो कि दिल्ली की ओर मार्च रोके जाने के बाद हजारों किसान दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर दूर अंबाला के पास पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) शनिवार को शंभू और खनौरी दोनों सीमाओं पर शहीदों की याद में कैंडल मार्च निकालेंगे। शंभू और खनौरी में मोर्चों का यह 12वां दिन है। कल, किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने फैसला किया कि शहीदों की याद में आज… Continue reading आज शंभू और खनौरी बॉर्डर पर कैंडल मार्च निकालेंगे किसान, अगले कदम पर फैसला 29 फरवरी को
MSP, कर्जमाफी समेत कई अन्य मुद्दों पर किसान आंदोलित है। इस बीच केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले गन्ना किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। गन्ना खरीद मूल्य में 2024-25 के लिए प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि की है। पहले गन्ने का प्रति क्विंटल खरीद मूल्य 315 रुपये था। अब यह… Continue reading किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, इस फसल का बढ़ाया एमएसपी
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी सीमाओं पर डटे हुए हैं।
केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज कर दिया है। सरकार ने किसानों को मक्का, मसूर, उड़द,कपास और अरहर समेत पांच फसलों पर A2+एफएल+50 फीसदी के आधार पर फसल खरीद को लेकर 5 साल के कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव रखा था।
गौरतलब हो कि प्रदर्शनकारी किसान अभी पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। एमएसपी की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना समेत कई मागों को पूरा करने के लिए किसान सरकार से अपील कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच तीसरे दौर की बैठक रात लगभग एक बजे तक चली। इस बैठक में किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अड़े रहे साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार और पुलिस की ओर से किए गए बल प्रयोग पर कड़ी आपत्ति जताई।
कई बस अड्डों पर यात्री अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसों का इंतजार करते दिखे। बसों की अनुपलब्धता के कारण मुख्य रूप से छात्रों और कार्यालय जाने वालों को असुविधा का सामना करना पड़ा।