प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए 100 मलबा संग्रहण केंद्र स्थापित करेगी MCD

एमसीडी ने प्रारंभिक चरण में पश्चिम क्षेत्र के 10 वार्ड में एक पायलट परियोजना चलाई, जिसमें तीन समर्पित संग्रह स्थल स्थापित किए गए। बयान में कहा गया है कि इस पहल के उल्लेखनीय परिणाम मिले, जिससे मलबे के अवैध निपटान में 46 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है।

Delhi Pollution: आज भी कई इलाकों में AQI 300 के पार, 10 दिनों बाद खुले स्कूल

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार लगातार तरह-तरह के प्रयास भी कर रही है। दिल्ली सरकार की ओर से सड़कों पर पानी का छिड़काव से लेकर इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।

पंजाब सरकार पराली जलाने के मामलों को लेकर सख्त, फिरोजपुर में पुलिस की टीमें खेतों में गश्त कर रही हैं

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच, उच्चतम न्यायालय ने 7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फसल अवशेष जलाना “तत्काल” रोका जाए, यह कहते हुए कि वह प्रदूषण के कारण “लोगों को मरने” नहीं दे सकता।

श्री आनंदपुर साहिब: मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने Smog Tower का किया उद्घाटन

मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि ‘प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से अहम कदम उठाए जा रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा कि, राज्य के अलग-अलग जिलों में सरकार द्वारा अभी कई और स्मॉग टावर लगवाए जाएंगे ताकि लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो।

Delhi Air Pollution: दिवाली से पहले हवा हुई दम घोंटू, वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों के मुताबिक, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के योगदान को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, हवा की धीमी गति इस प्रक्रिया पर विपरीत असर डालेगी।

स्वास्थ्य के खतरे के बावजूद पंजाब के पटियाला में जलाई जा रही है पराली

देश के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता खराब होने और प्रदूषण के स्तर से लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होने के बावजूद पंजाब के पटियाला के घनौर गांव में पराली जलाना जारी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, चालू धान कटाई के मौसम में 45 दिनों की अवधि यानी 15 सितंबर 2023… Continue reading स्वास्थ्य के खतरे के बावजूद पंजाब के पटियाला में जलाई जा रही है पराली

पराली जलाने से बिगड़ी बठिंडा की आबोहवा, AQI ‘खराब’ श्रेणी में किया गया दर्ज

बठिंडा में पराली जलाने के मामले सामने आने के बाद गुरुवार सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। स्थानीय प्रशासन ने किसानों से पराली जलाने से रोकने की अपील की है। बठिंडा में पराली का धुआं पूरी तरह फैल गया है। जिससे हवा जहरीली हो गई है। परेशान प्रशासन… Continue reading पराली जलाने से बिगड़ी बठिंडा की आबोहवा, AQI ‘खराब’ श्रेणी में किया गया दर्ज

लगातार तीसरे दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब, AQI 300 के पार

सफर-इंडिया के अनुसार, दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता मंगलवार सुबह लगातार तीसरे दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR)-इंडिया के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता 327 के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। शनिवार को 286 AQI के… Continue reading लगातार तीसरे दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब, AQI 300 के पार

Delhi-NCR में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब, 300 के पार AQI

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के इलाकों की हवा दिन-प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण से जंग की तैयारियों की तमाम कोशिशों के बीच दिल्ली के चारों तरफ धुंध की चादर फैली हुई है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता हुई ‘खराब’, जीआरएपी का पहला चरण लागू

केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता समिति ने शुक्रवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचने के बाद अधिकारियों को होटल व रेस्तरां में कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों व ताप ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया।

सर्दी के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लागू की जाने वाली केंद्र सरकार की चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत यह कदम उठाया गया है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) जीआरएपी को सक्रिय रूप से लागू करने के लिए जिम्मेदार एक वैधानिक निकाय है। आयोग के अनुसार पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मापदंडों में “अचानक गिरावट” दर्ज की गई, जिससे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 यानी खराब श्रेणी में पहुंच गया।

आयोग ने एक बयान में कहा, “क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयासों के तहत पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से जीआरएपी का पहला चरण लागू करने की आवश्यकता है।”

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर जीआरएपी को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है। पहला चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 यानी ‘खराब’ होने पर लागू किया जाता है। दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है।

अधिकारियों को दिल्ली के 300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और ताप ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने और होटल, रेस्तरां व खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी काम सौंपा गया है।

निर्माण और तोड़फोड़ वाले स्थलों से निकलने वाली धूल पर काबू पाने के लिए दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी पहले चरण के तहत आता है।

दूसरे चरण के तहत उठाए जाने वाले कदमों में व्यक्तिगत वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से पार्किंग शुल्क बढ़ाना और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

तीसरे चरण के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बौद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन वाले और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रावधान है।