आजाद भारत के पहले गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती आज (पूरे देश भर में मनाई जा रही है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. इस प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ रखा गया है. प्रतिमा अनावरण के साथ ही यह दर्शनीय स्थल आम लोगों के लिए खोल दिया गया. सरदार पटेल की प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है.
स्टैच्यू का अनावरण नजारा गणतंत्र दिवस जैसा दिखा. वायु सेना के लड़ाकू विमान फ्लाइ पास्ट किया और हवाई करतब दिखाए. जबकि सेना,नौसेना और वायुसेना के बैंड राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत संगीत पेश किए. इसके अलावा पंजाब, असम, मिजोरम और गुजरात के लोक कलाकारों का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा. पीएम मोदी ने यहां पहुंचने से कुछ घंटे पहले ट्वीट किया था, मंगलवार को सरदार पटेल की जयन्ती के मौके पर, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित की जाएगी. नर्मदा के तट पर स्थित यह प्रतिमा महान सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है.’ इस मौके पर देश भर में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया गया.
इस मौके पर पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, देश ने अपने लिए इतिहास रचा. आज के दिन को इतिहास से कोई नहीं मिटा पाएगा. आज जो हुआ वह इतिहास में हमेशा दर्ज हो गया. कभी नहीं सोचा था अनावरण करने का मौका मिलेगा. मैं भाग्यशाली हूं कि सरदार साहब की इस स्टैच्यू को देश को समर्पित किया. आज जी भरकर बहुत कुछ कहने का मन कर रहा है. पीएम ने कहा, यह एक परियोजना है जिसे हमने उस समय के बारे में सोचा था जब मैं गुजरात के मुख्यमंत्री थे. Statue Of Unity बनाने के लिए,पूरे भारत के लाखों किसान एक साथ आए. अपने उपकरण दिए. मिट्टी के हिस्से दिए. इस तरह यह जन आंदोलन बन गया.
पीएम मोदी ने कहा, जब बेटे पर मां हाथ रखती है तो उसकी ताकत बढ़ जाती है. अभिनंदन के लिए गुजरात के लोगों का अभिनंदन. मूर्ति बनवाने के लिए जगह की बहुत जांच पड़ताल की. मां भारती साढ़े पांच सौ रियासतों में बटे हुए थे. सरदार पटेल ने मां भारती को एक कर दिया. निराशा के दौर में सरदार पटेल आशा की किरण बने. सरदार पटेल ने कमजोरी को ताकत बनाकर दिखाया. पीएम मोदी ने कहा, सरदार साहब के आह्वान पर देश के सैकड़ों रजवाड़े ने त्याग की मिसाल कायम की थी. हमें इस त्याग को भी नहीं भूलना चाहिए. आज भारत अपनी शर्तों पर दुनिया से संवाद कर रहा है. सरदार साहब ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई.