नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान संगठनों के साथ 12वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के उद्धार के प्रति प्रतिबद्ध है। कुछ लोगों को हर अच्छे काम का विरोध करने की आदत होती है। किसानों के कंधे का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया गया। किसानों के साथ बातचीत बेनतीजा रही इसका दुख है।
There are forces that want the agitation to continue and ensuring that no good comes out of it: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on the eleventh round of talks between farmer unions and the government pic.twitter.com/AmJVDxbZj6
— ANI (@ANI) January 22, 2021
सरकार ने हमेशा किसानों के सम्मान में बात सोची। किसानों ने हमेशा कानून वापसी की मांग की जबकि हमने कानून में संशोधन की बात रखी। डेढ़ साल तक नए कृषि कानूनों को रोकना बेहतर प्रस्ताव है। नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि सरकार ने किसानों को विचार के लिए कल तक का वक्त दिया है। सरकार के फैसले पर अगर किसान कल कुछ फैसला लेंगे तो कल को बातचीत होगी। कुछ लोग किसानों और सरकार के बीच गलतफहमी फैला रहे हैं। कुछ ताकतें देश में किसानों का भला नहीं चाहती हैं। कुछ ताकतें ऐसी है जो किसान आंदोलन को खत्म नहीं होने देना चाहती हैं।
We asked them to reconsider our proposal as it is in the interest of farmers and the country. We asked them to convey their decision tomorrow: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on the eleventh round of talks between farmer unions and the government https://t.co/3D8Ka2AXfG
— ANI (@ANI) January 22, 2021
वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार PM मोदी जी के नेतृत्व में किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और रहेगी। विशेष रूप से पंजाब के किसान और कुछ राज्यों के किसान कृषि क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के दौरान लगातार ये कोशिश हुई कि जनता के बीच और किसानों के बीच गलतफहमियां फैलें। इसका फायदा उठाकर कुछ लोग जो हर अच्छे काम का विरोध करने के आदि हो चुके हैं, वे किसानों के कंधे का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर सकें।